vaibhu's profile picture

Published by

published
updated

Category: Writing and Poetry

A poem in hindi

I wrote this poem some time time ago for a friend of mine.

She is very special to me 

Not like I love her or something, but she is like sunshine in my life


जाना तुझको सागर सा स्थिर,

चेतन सी अचलता ।

पर तू चिड़िया सी है चपल,

है तुझमें नदी सी चंचलता ।।

सुनना चाहूं तुझको , मगर शांत तू रहती,

सुना कहानी मुझको अपनी, जैसे नदी है बहती ।

वेग प्रवाह है तेज़ तेरा मगर छुपाती सबसे,

जान ना पाए कोई तुझे ,मगर बताती मुझसे ।।

सुनूं निरंतर तुझको मै , चिड़िया सी तू चहचहाए,

समझ के मुझको अपना तू बहा मुझे ले जाए ।।

कह दे सारी बातें अपनी , अनंत काल हो जाने दे,

बीते सारा जीवन इसमें, सुबह सांझ हो जाने दे ।।

अथाह समंदर मेरा मन , मै हु गहरे सागर सा ,

ठहर गहर सब जाते मुझमें , कहलाता मैं गागर सा ।।

समा वेग अपना तू मुझमें , तेरा मन पहचानूं मैं ,

चंचल है तू इतनी क्यूं , अविचल मन से जानू मैं ।।

Do not copy or repost


4 Kudos

Comments

Displaying 0 of 0 comments ( View all | Add Comment )